Wednesday 3 June 2015

क्यों सताता है मोत का डर

Posted by- radiateashok
क्यों सताता है मोत का डर

भय कोई गैरकुदरती चीज नहीं है | अगर आप एक खास तरीके से जीते है , तो यह आपके साथ होने वाली सबसे कुदरती चीज है | हमने पूरी मानव जाती को जीवन के मूल सिधान्तो से पूरी  तरह अनजान रखते हुए विकसित किया है |  हमने उन्हें जीने के लिए विश्वविधालयो  में , हर तरह की चीजे करने के लिए भेजा है मगर हमने उन्हें जीवन के मूल सिधांत नहीं सिखाये है | जिसने जन्म लिया है , वह मरेगा ही इस बात से हम रोज बचते क्यों है ,क्या यह महतवपूर्ण नहीं है की आप जानते है की यह जीवन हमेशा के लिए नहीं है , तो आपको इसका बेहतरीन इस्तेमाल करना है यह बहुत महत्पूर्ण है |


मोत अपने साथ भय और दुःख लाती है और मोत से सामना होने पर , आम तोर पर मानव खुद को असहाय पाता है क्या बिना डरे मोत का सामना किया जा सकता है | मुझे मोत के समय भय की गेरकुदरती प्रकिया से डर लगता है क्योकि आपने कहा था की आपके अगले जन्म के लिए आपकी मृत्यु का पल  बहुत महत्पूर्ण होता है | तो इस बार आप मरते समय भयभीत होते है | मेरे बचपन के दिनों में बहुत सालो तक में श्मशान में बैठकर लोगो की मदद करता रहां क्योकि में देखना चाहता था की मोत के बाद क्या होता है | मगर शवो के जलने के अलावा वहां कुछ नहीं होता था | सबको बचपन से ही मृत्यु के बारे में बताया जाना चाहिए क्योकि जो मरना नहीं चाहता वह जी नहीं सकता | में मरना नहीं चाहता में मरना नहीं चाहता में मरना नहीं चाहता करते हुए आप जीवन से दूर हो जायेंगे |

छाया इस धरती पर हानिरहित चीज 

जो मरने को तैयार है जो इस  तारह से जीता है , अगर मुझे आज मरना पड़े तो में तैयार हूँ | ऐसा नहीं है की में मरना चाहता हूँ लेकिन मुझे मरना है तो कोई बात नहीं , सिर्फ वही आपना जीवन जी सकता है | अगर आप मरना नहीं चाहते तो आप जीना भी नहीं चाहते क्योकि ये दो अलग – अलग चीजे नहीं है | हम अभी कह सकते है की आप जी रहे है या हम कह सकते है की आप मर रहे है ये अलग – अलग चीज नहीं है | आप वाकई मर रहे है | इन दो शब्दों का भिन्न अर्थ नहीं है , उनका एक ही अर्थ है | अभी  आप जी रहे है या मर रहे है , एक दिन दोनों प्रकिया पूरी हो जाएगी | है न इससे बचने की कोशिश में भय पैदा होता है जो की एक मनोवैज्ञानिक प्रकिया | आप चाहे तो किसी भी चीज के बारे में भय उत्पन्न कर सकते है | आप किसी भी चीज को लेकर भयभीत हो सकते है | इस  धरती पर छाया सबसे हानि रहित होती है लेकिन लोग छाया से डरते है  इसलिए आपको ये समझने की जरुरत है ये सब चीजे इसलिए नहीं हो रही है क्योकि कोई मर रहा है | ये सब चीजे इसलिए हो रही है क्योकि इन सबके पीछे अज्ञानता है | हम अपने मन की प्रकति , शरीर की प्रकति, अपने अंदर जीवन की प्रकति को समझे बिना यहाँ एक गेर कुदरती रूप में रहने की कोशिश कर रहे है | हम जीवनं में दिलचस्पी लिए बिना जीने की कोशिश कर रहे है आप इस तरह नहीं जी सकते |

दिलचस्पी होने का मतलब 

अगर आप जीना चाहते है तो आपको जीवन में दिलचस्पी होनी चाहिए | जीवन में दिलचस्पी होने का मतलब पार्टी में जाना नहीं है जीवन में दिलचस्पी होने का मतलब है की आप यह जानने में दिलचस्पी रखते है की यह जीवन क्या है | जीवन में लिप्त होने का मतलब है की आपने इसकी गहराई में जाना शुरू कर दिया है क्योकी आप जीवन के बारे में जानना चाहते है | अगर आप इस जीवन की प्रकति को समझ ले तो ये बेकार की बाते आपके दिमाग से गायब हो जाएगी लेकिन आप अगर जहनी सुकून चाहते है तो हम किसी मंत्र का उच्चारण कर सकते है हम संगीत बजा सकते है हम कोशिश कर सकते है की कोई इन्सान अपनी मोत के बारे में भूल जाये  | उसे मरना तो है ही मगर हम ऐसी िस्थति पैदा कर सकते है कि वह इसे भुल जाये |

मानो मोत का कुछ नही

आपके किसी प्रिय की मोत होने वाली हो तो आप कहेंगे आपका दर्शन अपनी जगह ठीक है मगर में उसे मरते नहीं देखना चाहता बस इतना ही मुद्दा है | मोत कोई दर्शन नहीं है वह एक हकीकत है जिससे आप इंकार नहीं कर सकते मगर फ़िलहाल हम जीवन को इस रूप में ढक देते है मानो मोत कुछ भी नहीं है | मेरे ख्याल से दुनिया के इस हिस्से में जब किसी की मोत होती है तो आप उसे एक बढ़िया चमकीले बक्से में रखते है | कई बार में बहुत से लोगो को जब वे साधना कर रहे होते है कहता हु आप जाकर शमशान भूमि में थोड़ा समय बिताइए | आपको शवो का दाह संस्कार देखना चाहिए | आपको वाराणसी जाकर देखना चाहिए वहां दर्जनों शव जल रहे होते है | एक एक करके शव आते रहते है और लोग उनका  दाह संस्कार करते रहते है | वहां बैठकर थोड़ी देर इस पर विचार करना चाहिए | मेरे बचपन के दिनों में बहुत सालो तक में शमशान में बैठकर लोगो की मदद करता रहा क्योकिं में देखना चाहता था की मोत के बाद क्या होता है
पर मोत के बाद कुछ भी नहीं माँ बाप भाई बहिन सब यहीं रह जाते है साथ कुछ भी नहीं जाता तो मेरे दोस्तों हर दिन ऐसा जियो की आज हमारा आखिरी दिन है कसम से जिंदगी बदल जाएगी



2 comments:

  1. nice post .......... I never feel the fear of death....keep blogging you are doing good.

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