Sunday 28 June 2015

शिव खेड़ा के अनमोल विचार | Shiv Khera Quotes In Hindi

Posted by- radiateashok

शिव खेड़ा के अनमोल विचार | Shiv Khera Quotes In Hindi



जीतने वाले अलग चीजें नहीं करते, वो चीजों को  अलग तरह से करते हैं.
                                                                                                        -शिव खेड़ा


जीतने वाले लाभ देखते हैं, हारने वाले नुकसान  .
                                                                                                       -शिव खेड़ा


"यदि आपको लगता है कि आप कर सकते हैं - तो आप कर सकते हैं! अगर आपको लगता है कि आप नहीं कर सकते - तो आप नहीं कर सकते दोनों ही सूरतों में आप सही हैं 
-शिव खेड़ा


विपरीत परिस्थितियों में कुछ लोग टूट जाते हैं , तो कुछ लोग लोग रिकॉर्ड तोड़ते हैं.
-शिव खेड़ा

विजेता बोलते हैं की " मुझे कुछ करना चाहिए " हारने वाले बोलते हैं की " कुछ होना चाहिए "
 -शिव खेड़ा
 

चरित्र का निर्माण तब नहीं शुरू होता जब बच्चा  पैदा होता है; ये बच्चे के पैदा होने के  सौ  साल पहले से शुरू हो जाता है|
 -शिव खेड़ा


सत्य का क्रियान्वन ही न्याय है.
 -शिव खेड़ा


जो  भी उधर लें उसे समय पर चूका दें क्यूंकि इससे आपकी  विश्वसनीयता बढाती है|
 -शिव खेड़ा

एक देश नारे लगाने से महान नहीं बन जाता.
 -शिव खेड़ा


किसी डिग्री का ना होने दरअसल फायेदेमंद है. अगर आप इंजिनियर या डाक्टर हैं तब आप एक ही काम कर सकते हैं.पर यदि आपके पास कोई डिग्री नहीं है , तो आप कुछ भी कर सकते हैं.
 -शिव खेड़ा


हमारी बिजनेस से सम्बंधित समस्याएं नहीं होतीं, हमारी लोगों से सम्बंधित समस्याएं होती हैं.
 -शिव खेड़ा


अगर हम हल का हिस्सा नहीं हैं, तो हम समस्या हैं.
 -शिव खेड़ा

लोगों से साथ विनम्र होना सीखे| महत्वपूर्ण होना जरुरी है लेकिन अच्चा होना ज्यादा महत्वपूर्ण है |
 -शिव खेड़ा


कभी भी दुष्ट लोगों की सक्रियता समाज को बर्वाद नहीं करती, बल्कि हमेशा अच्छे लोगों की निष्क्रियता समाज को बर्वाद करती है.
 - शिव खेड़ा


आपने मित्रों को सावधानी से चुने | हमारे व्यक्तित्व की झलक न सिर्फ हमारे सांगत से झलकती है बल्कि, जिन संगतों से हम दूर रहते हैं उससे भी झलकती है |


 - शिव खेड़ा
जब कभी कोई व्यक्ति कहता है कि वो ये  नहीं कर सकता है , तो असल में वो दो चीजें कह रहा होता है. या तो मुझे पता नहीं है कि ये कैसे होगा या मैं इसे करना नहीं चाहता.
 -शिव खेड़ा


इन्स्पीरेशन  सोच  है जबकि मोटीवेशन कार्रवाई है.
-शिव खेड़ा


आत्म-सम्मान और अहंकार का उल्टा सम्बन्ध है.
-शिव खेड़ा


लोग इसकी परवाह नहीं करते हैं कि आप कितना जानते हैं, वो ये जानना चाहते हैं कि आप कितना ख़याल रखते हैं.
-शिव खेड़ा

किसी को धोखा न दें क्यूंकि ये आदत बन जाती है , और फिर आदत से व्यक्तित्व |
-शिव खेड़ा

अच्छे लीडर्स और लीडर्स बनाने की चेष्ठा करते हैं, बुरे लीडर्स और फालोवार्स बनाने की चेष्ठा करते हैं.

-शिव खेड़ा
                                                    Read This :- सुविचार
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Saturday 27 June 2015

बोले हुए शब्द वापस नहीं आते

Posted by- radiateashok

बोले हुए शब्द वापस नहीं आते

friends,
       hamari day-today-life me kai baar aisa hota hai ki hum ya to bahut gusse me ,ya bas yu hi kuch aisa kah jate hai jo hame nahi kahana chahiye, aaj me aapke sath choti si story share kar raha hu , ise dhyan se padhiye or isse milne wali sikh ko apne jivan me utaar lijiye....



 एक बार एक किसान ने अपने पडोसी को भला बुरा कह दिया, पर जब बाद में उसे अपनी गलती का एहसास हुआ तो वह एक संत के पास गया.उसने संत से अपने शब्द वापस लेने का उपाय पूछा.
संत ने किसान से कहा , ” तुम खूब सारे पंख इकठ्ठा कर लो , और उन्हें शहर  के बीचो-बीच जाकर रख दो .किसान ने ऐसा ही किया और फिर संत के पास पहुंच गया.
तब संत ने कहा , ” अब जाओ और उन पंखों को इकठ्ठा कर के वापस ले आओ
किसान वापस गया पर तब  तक सारे पंख हवा से इधर-उधर उड़ चुके थे. और किसान खाली हाथ संत के पास पहुंचा. तब संत ने उससे कहा कि ठीक ऐसा ही तुम्हारे द्वारा कहे गए शब्दों के साथ होता है,तुम आसानी से इन्हें अपने मुख से निकाल तो सकते हो पर चाह कर भी वापस नहीं ले सकते.
  • कुछ कड़वा बोलने से पहले ये याद रखें कि भला-बुरा कहने के बाद कुछ भी कर के अपने शब्द वापस नहीं लिए जा सकते. हाँ, आप उस व्यक्ति से जाकर क्षमा ज़रूर मांग सकते हैं, और मांगनी भी चाहिए, पर human nature कुछ ऐसा होता है की कुछ भी कर लीजिये इंसान कहीं ना कहीं hurt हो ही जाता है.
  • जब आप किसी को बुरा कहते हैं तो वह उसे कष्ट पहुंचाने के लिए होता है पर बाद में वो आप ही को अधिक कष्ट देता है. खुद को कष्ट देने से क्या लाभ, इससे अच्छा तो है की चुप रहा जाए.


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Friday 26 June 2015

Best Whatsapp status

Posted by- radiateashok
                                            Best Whatsapp status




Status -1
ज़िन्दगी में अच्छे लोगों की तलाश मत करो, खुद को अच्छा बना लो, शायद आप से मिलकर किसी और की तलाश पूरी हो जाए।
Status -2
मैं रात भर जन्नत की सैर करता रहा यारों, सुबह आँख खुली तो देखा सर माँ के कदमो में था।
Status -3
. लोग हमारे बारे में क्या सोचते हैं, अगर ये भी हम ही सोचेंगे, तो फिर लोग क्या सोचेंगे ?
Status -4
बुरे वक़्त में भी एक अच्छाई होती है, जैसे ही ये आता है, नाम के दोस्त विदा होता जाते हैं।
Status -5
यदि तुम्हे कोई नज़र अंदाज कर दे तो बुरा मत                                                       Read This :- सुविचार
मानना, लोग अक्सर बर्दास्त से बहार महँगी चीज को नजर अंदाज कर देते हैं।
Status -6
छोटी सी जिंदगी है, हंस के जियो, भुला के ग़म सारे, दिल से जियो, अपने लिए न सही, अपनों के लिए जिओ।
Status -7
विश्वास एक छोटा शब्द है, उसको पढने में तो एक सेकेंड लगता है, सोचो तो मिनट लगता है, समझो तो दिन लगता है, पर साबित करने में तो जिंदगी लग जाती है।
Status -8
. इस ज़माने में वफ़ा की तलाश न कर मेरे दोस्त, वो वक्त और था जब मकान कच्चे और लोग सच्चे हुआ करते थे।
Status -9
जो आपसे दिल से बात करता हो, उसे कभी दिमाग से जवाब मत देना।
Status -10
वो सपने सच नहीं होते जो सोते वक्त देखे जाते हैं , सपने वो सच होते हैं जो आपको सोने नहीं देते।
Status -11
दो अक्षर का होता है लक, ढाई अक्षर का होता है भाग्य , तीन अक्षर का होता है नसीब, साढ़े तीन अक्षर की होती है किस्मत पर ये चारो के चारो, चार अक्षर की  मेहनतसे छोटे होते हैं।
Status -12
ज़िन्दगी के बदल जाने में कभी वक्त नहीं लगता, पर कभी-कभी वक्त बदल जाने में पूरी ज़िन्दगी  लग जाती है 
Status -13
इस दुनिया में बिना स्वार्थ के सिर्फ माता-पिता ही प्यार कर सकते हैं।
Status -14
कुछ ऐसा काम करो कि आपके माता-पिता अपनी प्रार्थना में कहें  हे प्रभु !  हमें हर जन्म में एसी ही संतान देना।
Status -15
नाख़ून बढ़ने पर नाख़ून ही काटे जाते हैं, उंगलिया नहीं, इसी तरह रिश्तों में दरार आ जाए तो दरार को मिटाएं, रिश्ते को नहीं।
Status -16
ज़िन्दगी का पहला कपड़ा लंगोट जेब नहीं , जिंदगी का आखिरी कपड़ा कफ़न-जेब नहीं, फिर सारी  जिंदगी जेब भरने की खटपट क्यों ?
Status -17
ज़रुरत तोड़ देती है इंसान के गुरुर को, न होती कोई मज़बूरी तो हर बन्दा खुदा होता।
Status -18
सफ़र में मुश्किलें आएं तो जरुरत और बढ़ती है, कोई जब रास्ता रोके तो हिम्मत और बढ़ती है।
Status -19
पैर में मोच और छोटी सोच इन्सान को कभी आगे नहीं बढ़ने देते।
Status -20
. मंज़िल मिल ही जाएगी भटकते हुए ही सही, गुमराह तो वो हैं, जो घर से निकले ही नहीं।
Status -21
. वक़्त भी सीखाता है और गुरु भी, पर अंतर सिर्फ इतना है, गुरु सिखा कर इम्तहान लेता है, और वक्त इम्तहान लेकर सिखाता है।
Status -22
 मैंने भी बदल दिए है, ज़िन्दगी के उसूल, अब जो याद करेगा सिर्फ वही याद रहेगा|
Status -23
यदि आप गुस्से के एक क्षण में धैर्य रखते है, तो आप दुःख के सौ दिन से बच जाते हैं।
Status -24
. न फिक्र कर कि ज़माना सोचेगा क्या…!!” ज़माने को अपनी ही फिक्र से फुर्सत कहां।
Status -25
मुझे खैरात में मिली खुशियाँ अच्छी नहीं लगती, मैं अपने गमो में भी रहता हूँ नवाबो की तरह।

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Thursday 25 June 2015

गलत मार्ग का अंजाम

Posted by- radiateashok
गलत मार्ग का अंजाम

dhokebaaz aurat – यह कहानी बेशक पुराने दृश्य को लिए है लेकिन फिर भी आज के परिपेक्ष में काफी मायने रखती है क्योकि आजकल भी यही होता है भले ही इन्सान के तौर तरीके बदल गये है बहुत से पुरुष और स्त्री ऐसे है जो किन्ही कारणों से अपने जीवनसाथी के साथ धोखा देते है और अनेतिक राह पर चलते है जबकि हमे चाहिए कि अगर हम अपनी निजी जिन्दगी से संतुष्ट नहीं है तो अपने जीवनसाथी से बात करें उसके बाद जो भी रास्ता बन पड़े वो करे लेकिन तरीका नैतिक होना चाहिए वर्ना अनेतिक रास्तो पर चलने वालों की केसी हालत हो जाती है वो आप इस कहानी के जरिये बखूबी समझ सकते है |




किसी ग्राम में किसान दम्पति रहा करते थे | किसान तो बुढा था | पर उसकी पत्नी युवती थी | अपने पति से संतुष्ट न रहने की कारण किसान की पत्नी सदा पर – पुरुष की टोह में रहती थी | इस कारण एक पल भी घर में नहीं रूकती थी | एक दिन किसी ठग ने उसको घर से निकलते देख लिया | उसने उसका पीछा  किया और जब देखा की वह एकांत में पहुच गई तो उसके सम्मुख जाकर उसने कहा, ‘देखो मेरी पत्नी का देहान्त हो चूका है | में तुम पर अनुरक्त हूँ | मेरे साथ चलो |’ वह बोली, ‘यदि ऐसी ही बात है तो मेरे पति के पास बहुत सा धान है, बुडापे के कारण वाह हिलडुल नहीं सकता | में उसको लेकर अआती हूँ, जिससे की हमारा भविष्य सुखमय बीते |’ ठीक है जाओ | कल प्रात : काल इसी समय इसी स्थान पार मिल जाना |’ इसी प्रकार उस दिन वह किसान की स्त्री अपने घर लोट गई | रात होने पर जब उसका पति सो गया, तो उसने अपने पति का धन समेटा और उसे लेकर प्रात : काल उस स्थान पर जा पहुंची | दोनों वहाँ से चल दिए | दोनों अपने ग्राम से बहुत दूर निकल आये थे की तभी मार्ग में गहरी नदी आ गई | उस समय उस ठग के मन में विचार आया की इस ओरत को में अपने साथ ले जाकर क्या करूँगा | और फिर कोई इसको खोजता हुआ कोई इसके पीछे आ गया तो वैसे भी संकट ही है | अत: किसी प्रकार इससे सारा धन हाथियाकर अपना पिण्ड छुड़ाना चाहिये | यह विचार कर उसने कहा, ‘नदी बाड़ी गहरी है | पहले में गठरी को उस पार रख आता हु, फिर तुमको अपनी पीठ पर लादकर उस पर ले चलूँगा | दोनों को एक साथ ले चलना कठिन है |’ ठीक है, ऐसा ही करो |’ किसान की स्त्री ने अपनी गठरी उसे पकड़ाई तो ठग बोला, ‘अपने पहने हुए गहने – कपडे भी दे दो, जिससे नदी में चलने की किसी प्रकार की कठिनाई नहीं होगी, और कपडे भीगेंगे भी नहीं |’ उसने वैसा ही किया | उन्हें लेकर ठग नदी के उस पार गया तो फिर लोटकर आया ही नहीं | वह ओरत अपने कुकर्त्यो के कारण कही की नहीं रही |

इसलिए कहते है की अपने हित के लिए गलत कर्मो का मार्ग नहीं अपनाना चाहिये |
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