Friday 9 October 2015

The Power Of Positive Thinking Hindi

Posted by- radiateashok

सकारात्मक सोच की शक्ति – The Power Of Positive Thinking Hindi

power of positive thinking
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सकारात्मक सोच (Positive Thinking) के बिना जिंदगी अधूरी है | सकारात्मक सोच की शक्ति से घोर अन्धकार को भी आशा की किरणों (Lights of Hope) से रौशनी में बदला जा सकता है | हमारे विचारो पर हमारा स्वंय का नियंत्रण होता है इसलिए यह हमें ही तय करना होता है की हमें सकारात्मक सोचना है या नकारात्मक | 

हर विचार एक बीज है – Every Thought Is A Seed

हमारे पास दो तरह के बीज होते है सकारात्मक विचार (Positive)एंव नकारात्मक विचार (Negative Thoughts) है , जो आगे चलकर हमारे द्रष्टिकोण एंव व्यवहार रुपी पेड़ का निर्धारण करता है | हम जैसा सोचते है वैसा बन जाते है (what we think we become)इसलिए कहा जाता है की जैसे हमारे विचार होते है वैसा ही हमारा आचरण होता है |
यह हम पर निर्भर करता है की हम अपने दिमाग रुपी ज़मीन में कोनसा बीज बोते है | थोड़ी सी चेतना एंव सावधानी से हम कांटेदार पेड़ को महकते फूलो के पेड़ में बदल सकते है |

डेविड एंव गोलियथ की कहानी – Devid And Goliath Bible Story In Hindi

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Realated Post:-सच्चे संघर्ष की कहानी , Engineering Student Struggle Story

बाइबिल की एक कहानी काफी प्रसिद्ध है | एक गाँव में गोलियथ नाम का एक राक्षस था | उससे हर व्यक्ति डरता था एंव परेशान था | एक दिन डेविड नाम का भेड़ चराने वाला लड़का उसी गाँव में आया जहाँ लोग राक्षस के आतंक से भयभीत थे | डेविड ने लोगो से कहा की आप लोग इस राक्षस से लड़ते क्यों नहीं हो ?
तब लोगो ने कहा – “वो इतना बड़ा है की उसे मारा नहीं जा सकता”
डेविड ने कहा – “आप सही कह रहे है की वह राक्षस बहुत बड़ा है | लेकिन बात यह नहीं की बड़ा होने की वजह से उसे मारा नहीं जा सकता , बल्कि हकिकात तो यह है की वह इतना बड़ा है की उस पर लगाया निशाना चुक ही नहीं सकता |”
फिर डेविड ने उस राक्षस को गुलेल से मार दिया | राक्षस वही था लेकिन डेविड की सोच अलग थी |

कौनसे रंग का चश्मा पहना है ? Positive Or Negative

जिस तरह काले रंग का चश्मा पहनने पर हमें सब कुछ काला और लाल रंग का चश्मा पहनने पर सब कुछ लाल ही दिखाई देता है उसी प्रकार नेगेटिव सोच से हमें अपने चारो और निराशा , दुःख और असंतोष ही दिखाई देगा और पॉजिटिव सोच से हमें आशा , खुशियाँ एंव संतोष ही नज़र आएगा |
यह हम पर निर्भर करता है की सकारात्मक चश्मे से इस दुनिया को देखते है या नकारात्मक चश्मे से |

नकारात्मक से सकारात्मक की और :-

सकारात्मकता की शुरुआत आशा और विश्वास से होती है | किसी जगह पर चारो और अँधेरा है और वहां पर अगर हम एक छोटा सा दीपक जला देंगे तो उस दीपक में इतनी शक्ति है की वह छोटा सा दीपक चारो और फैले अँधेरे को एक पल में दूर कर देगा | इसी तरह आशा की एक किरण सारे नकारात्मक विचारो को एक पल में मिटा सकती है |

“सकारात्मक सोचना या न सोचना हमारे मन के नियंत्रण में है और हमारा मन हामारे नियंत्रण में है | अगर हम अपने मन से नियंत्रण हटा लेंगे तो मन अपनी मर्जी करेगा और हमें पता भी नहीं चलेगा की कब हमारे मन में नकारात्मक पेड़ उग गए है|”

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Tuesday 29 September 2015

Heart Touching } संघर्ष की कहानी , Engineering Student Struggle Story

Posted by- radiateashok

सच्चे संघर्ष की कहानी , Engineering Student Struggle Story

motivational story
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कहा जाता है की अगर इंसान में संघर्ष और कठिन मेहनत करने की क्षमता हो तो दुनिया में ऐसा कोई मुकाम नहीं है जिसे हासिल ना किया जा सके | कवि रामधारी सिंह दिनकर ने सही ही कहा है की “मानव जब जोर लगाता है ,पत्थर पानी बन जाता है”| यह कथन कानपूर के रहने वाले अभिषेक पर बिलकुल सही बैठता है | सोना तपकर ही कुंदन बनता है और इतिहास गवाह है की जिन लोगो ने अपना जीवन अभावो में गुजारा है वही लोग आगे चलकर सफलता को हासिल करते है |

कोई भी माँ बाप कितने भी गरीब हो पर सबका सपना होता है की उनका बच्चा खूब पढाई करे |ऐसी ही एक बहुत गरीब परिवार की कहानी है जो दिल को छुते हुए गहरे सन्देश छोडती है |

कानपूर के रहने वाले अभिषेक कुमार भारती ने 2010 में भारत के सबसे कठिन इंजीनियरिंग परीक्षा IIT – JEE को पास किया जो अपने एप में एक अद्भुत उपलब्धि है | अभिषेक के पिता राजेंद्र प्रसाद एक जूता सिलने वाले मोची है , यह सुनने में जरुर अजीब लगेगा लेकिन सत्य है और माँ घर में लोगो के फटे कपडे सिलकर कुछ पैसे इक्कठे करती है | परिवार की रोज की देनिक आमदनी मुश्किल से 150 रूपए है जिसमे परिवार का खर्चा चलना बहुत ही मुश्किल है | और घर के नाम पर एक छोटा सा कमरा है | कई बार अभिषेक खुद पिता की अनुपस्थिति में जूतों की सिलाई करता था | और कभी कुछ पैसे कमाने के लिए नगरपालिका के कर्मचारियों के साथ काम भी करता था | 
लेकिन पढ़ने की चाह अभिषेक में शुरू से ही थी | वो रातभर जागकर पढाई करता था | घर में बिजली कनेक्शन नहीं था तो लालटेन जलाकर ही रात को पढाई करनी पड़ती थी | अच्छी पढाई के लिए ना कोचिंग के पैसे थे और ना ही किताबे खरीदने के फिर भी अभिषेक जी जान से लगा रहता था | वो कभी हार ना मानने वाले लोगो में से था , अपने दोस्तों से पुरानी किताबे लेकर पढाई किया करता था | उसकी लगन के आगे आखिर किस्मत को झुकना ही पड़ा और अभिषेक ने वो उपलब्धि हासिल की जिसका लाखो भारतीय छात्र सपना देखते है | आज अभिषेक IIT Kanpur में AEROSPACE Engineering की पढाई कर रहे है |


तो मित्रो , सफलता कोई एक रात का खेल नहीं है जो पलक झपकते ही किस्मत बदल जाएगी , आपको कठिन मेहनत करनी होगी खुद को संघर्ष रुपी आग में तपाना होगा , फिर देखिये दुनिया आपके कदमो में झुक जाएगी |

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Thursday 24 September 2015

जीवन को बदल देने वाली सच्ची कहानी

Posted by- radiateashok

जीवन को बदल देने वाली सच्ची कहानी

आप शायद माने या न माने , पर हमारे जीवन के छोटे से छोटे कार्य भी हमारे जीवन में महत्पूर्ण भूमिका निभाते है | इसलिए कहा जाता है की आप जब भी किसी से मिले , पुरे जोश से मिले , हमेशा दुसरो की मदद करे और जो काम करे पूरी ईमानदारी से करे | फिर देखिये आपके जीवन में कैसे नए – नए रास्ते खुलते चले जाते है |

motivational story
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इसी बात को प्रमाणित करती है यह प्रेरक कहानी (motivationall story) जो यह बताती है की आपका अच्छा व्यवहार (healthy and positive attitude) आपके लिए कितना महत्पूर्ण हो सकता है ये कहानी मुझे वाट्स ऐप (whatsapp) से मेरे एक मित्र ने भेजी थी | मुझे ये इतनी पसंद आई की में आप सबके साथ शेयर कर रहा हूँ | क्योकि क्या पता यह किसके दिल को छू जाये , और उसका जीवन बदल जाये |

ये कहानी एक ऐसे व्यक्ति की है जो एक फ्रीजर प्लांट में काम करता था | वह दिन का अंतिम समय था और सभी लोग घर जाने को तैयार थे | तभी प्लांट में एक तकनिकी समस्या उतपन हो गयी और वह उसे दूर करने में जुट गया | जब तक वह कार्य पूरा करता , तब तक अत्यधिक देर हो गयी , लाईटे बुझा दी गयी , दरवाजे सील हो गए और वह उसी प्लांट में बंद हो गया | बिना हवा व् प्रकाश के पूरी रात आइस प्लांट में फंसे रहने के कारण उसकी कब्रगाह बनना तय था |
लगभग आधा घंटे का समय बीत गया | तभी उसने किसी को दरवाजा खोलते पाया | क्या यह एक चमत्कार था ? उसने देखा की दरवाजे पर सिक्योरिटी गार्ड टॉर्च लिए खड़ा है | उसने उसे बाहर निकालने में मदद की |

बाहर निकलकर उस व्यक्ति ने सिक्योरिटी से पूछा “आपको कैसे पता चला की में भीतर हूँ?”
गार्ड ने उत्तर दिया – “सर , इस प्लांट में 50 लोग कार्य करते है पर सीर्फ एक आप है जो मुझे सुबह आने पर हेलो व् शाम को जाते समय बाय कहते है | आज सुबह आप ड्यूटी पर आये थे पर शाम को आप बाहर नहीं आये | इससे मुझे शंका हुई और में देखने चला आया|”


वह व्यक्ति नहीं जानता था की उसका किसी को छोटा सा सम्मान देना कभी उसका जीवन बचाएगा | याद रखे , जब भी आप किसी से मिले तो उसका गर्मजोशी और मुस्कराहट के साथ सम्मान करे | हमें नहीं पता , पर हो सकता है ये आपके जीवन में भी चमत्कार दिखा दे |

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Tuesday 15 September 2015

inspiring story in hindi :हिम्मत मत हारो

Posted by- radiateashok

inspiring story in hindi

हिम्मत मत हारो

एक दिन एक किसान का गधा कुएं में गिर गया | वह गधा घंटो जोर – जोर से रोता रहा और किसान सुनता रहा और विचार करता रहा की उसे क्या करना चाहिए और क्या नहीं | अंतत : उसने निर्णय लिया की चूँकि गधा काफी बुढा हो चूका था , अत: उसे बचाने से कोई लाभ होने वाला नहीं था | और उसे कुएं में ही दफना देना चाहिए |

inspiring story
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किसान ने अपने सभी पड़ोसियों को मदद के लिए बुलाया | सभी ने एक – एक फावड़ा पकड़ा और कुएं में मिट्टी डालना शुरू कर दी | जैसे ही गधे की समझ में आया की यह क्या हो रहा है , वह और जोर से चीख – चीख कर रोने लगा | और फिर अचानक वह आश्चर्यजनक रूप से शांत हो गया |
सब लोग चुपचाप कुएं में मिट्टी डालते रहे | तभी किसान ने कुएं में झाँका तो वह आश्चर्य से सन्न रह गया | अपनी पीठ पर पड़ने वाले हर फावड़े की मिट्टी के साथ वह गधा एक आश्चर्यजनक हरकत कर रहा था | वह हिल – हिल कर उस मिट्टी को निचे गिरा देता था और फिर एक कदम बढाकर उस पर चढ़ जाता था |
जैसे  - जैसे किसान तथा उसके पडोसी उस पर फावड़ो से मिट्टी गिराते वैसे – वैसे वह हिल – हिल कर उस मिट्टी को गिरा देता और एक सीढी ऊपर चढ़ आता | जल्दी ही आश्चर्यचकित करते हुए गधा कुएं के किनारे पर पहुँच गया और फिर कूदकर बाहर भाग गया |
ध्यान रखो दोस्तों , तुम्हारे जीवन में भी तुम पर बहुत तरह की मिट्टी फेंकी जाएगी , बहुत तरह की गन्दगी तुम पर गिरेगी | जैसे की , तुम्हे आगे बढ़ने से रोकने के लिए कोई बेकार मी ही तुम्हारी आलोचना करेगा , कोई तुम्हारी सफलता से इर्ष्या के कारण तुम्हे बेकार में ही भला बुरा कहूँगा | कोई तुमसे आगे निकलने के लिए ऐसे रास्ते अपनाता हुआ दिखेगा जो तुम्हारे आदर्शो के विरुद्ध होंगे | ऐसे में तुम्हे हतोत्साहित होकर कुएं में ही नहीं पड़े रहना है बल्कि साहस के साथ हिल – हिल कर हर तरह की गन्दगी को गिरा देना है और उससे सीख लेकर , उसे सीढी बनाकर , बिना अपने आदर्शो का त्याग किये अपने कदमो को आगे बढ़ाते जाना है |
अत: याद रखो ! जीवन में सदा आगे बढ़ने के लिए –
1)    नकारात्मक विचारो को उनके विपरीत सकारात्मक विचारो से विस्थापित करते रहो |

2)    आलोचनाओ से विचलित न हो बल्कि उन्हें उपयोग में लाकर अपनी उन्नति का मार्ग प्रशस्त करो |

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Thursday 10 September 2015

Mahatma Gandhi: अहिंसा का पहला पाठ

Posted by- radiateashok

Mahatma Gandhi: अहिंसा का पहला पाठ

अहिंसा का पहला पाठ
अहिंसा का पहला पाठ


गांधीजी का जन्म 2 अक्टुम्बर 1869 को पोरबंदर गुजरात में हुआ था | गांधीजी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गाँधी था हम उन्हें प्यार से बापू पुकारते है उन्ही की प्रेरणा से हमारा देश 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ था तो साथियों आज की पोस्ट में गांधीजी के अहिंसा के पाठ के बारे में बताया जा रहा है |

बात उन दिनों की है जब गांधीजी हाईस्कूल में पढ़ रहे थे | वह गलत लोगो की सांगत में पड गए | इस सांगत का असर उनकी जीवन शैली पर भी पड़ने लगा | वे उन ल्लाद्को के साथ धुम्रपान करने लगे | मांसाहार भी उन्होंने शुरू कर दिया इन व्यसनों को पूरा करने के लिए एक – दो बार अपने ही घर में चोरी भी की | उसके बाद आत्मग्लानी में जीवन से उकताकर आत्महत्या का विचार करने लगे | वह बराबर यह महसूस कर रहे थे की हम गलत रह पर है | उन्होंने तय किया और उस रह से बाहर आने का प्रयास शुरू कर दिया |

अब वे अपनी कमियों को त्यागना चाहते थे अतः उन्होंने अपनी गलतियों को स्वीकारने का एक तरीका निकला | उन्होंने अपनी सभी गलतियों को ईमानदारी से एक पत्र में विस्तारपूर्वक लिखा और उसे अपने पिताजी के हाथ में थमा दिया | वह उन दिनों बड़े असव्स्थ चल रहे थे | पिताजी अपने पुत्र के लिखे उस पत्र को पढ़ते जा रहे थे और उनकी आँखे नाम होती जा राही थी | पूरा पत्र पढ़ने के बाद उन्होंने पत्र के टुकड़े – टुकड़े कर दिए और उनकी आँखों से आंसू बहने लगे |


गांधीजी भी अपने पिता के समक्ष खूब रोये | पिता के प्रेम से भरे उन आंसुओ ने गांधीजी को ऐसे भिगोया की वे खुद भी रो रहे थे और ऐसा महसूस कर रहे थे जैसे पिता और उनके आंसू मिलकर उनकी आत्मग्लानी को धोते जा रहे थे | वह खुद को शुद्ध महसूस करते जा रहे थे | लगा जैसे उन आंसुओ से उनके सभी अपराध धुल गए | गाँधी के लिए अपने जीवन में यह अहिंसा का पहल पाठ था जो उनके पिता ने उन्हें पढ़ाया | 

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Monday 24 August 2015

Best inspirational &motivational quotes in hindi

Posted by- radiateashok

Best inspirational &motivational quotes in hindi

Best inspirational &motivational quotes in hindi
Best inspirational &motivational quotes in hindi

Quote 1: Great dreams of great dreamers are always transcended.
In Hindi : महान सपने देखने वालो के महान सपने हमेशा पुरे होते है |

Quote 2 : Being ignorant is not so much a shame , as being unwilling to learn.
In Hindi : अज्ञानी होना उतनी शर्म की बात नहीं है जितना की सिखने की इच्छा न रखना |

Quote 3 : Before you start some work , always ask yourself three question – why am I doing it , what that result might be and will I be successful. Only when you think deeply and find satisfactory answers to these question , go ahead.
In Hindi : कोई काम शुरू करने से पहले, स्वयं से तीन प्रशन कीजिये – में ये क्यों कर रहा हूँ , इसके परिणाम क्या हो सकते है और क्या में सफल होऊंगा , और जब गहराई से सोचने पर इन प्रश्नों के संतोषजनक उत्तर मिल जाये , तभी आगे बढे |

Quote 4 : A man is born alone and dies alone , and he experiences the good and bad consequences of his karma alone , and he goes alone to hell or the supermme abord.
In Hindi : व्यक्ति अकेले पैदा होता है और अकेले मर जाता है , और वो अपने अच्छे और बुरे कर्मो का फल खुद ही भुगतता है , और वह अकेले ही नरक या स्वर्ग जाता है |

Quote 5 : A soon as the fear approaches near ,attack and destroy it.
In Hindi : जैसे ही भय आपके करीब आये , उस पर आक्रमण कर उसे नष्ट कर दीजिये |

Quote 6 : A man is great by deeds , not by birth.
In Hindi : कोई व्यक्ति अपने कार्यो से महान होता है , अपने जन्म से नहीं |

Quote 7 : we should not fret for what is past , nor should we be anxious about the future, man of discrement deal only with the present moment.
In Hindi : हमे भुत के बारे में पछतावा नहीं करना चाहिए , न ही भविष्य के बारे में चिंतित होना चाहिए , विवेकवान व्यक्ति हमेशा वर्तमान में जीते है |

Best inspirational &motivational quotes in hindi

Best inspirational &motivational quotes in hindi


Quote 8 : Once you start a working on something, don’t be afraid of failure and don’t abandon it . people who work sincerely are the happiest
In Hindi : जब आप किसी काम की शुरुआत करे , तो असफलता से मत डरे और उस काम को न छोड़े , जो लोग ईमानदारी से काम करते है वो सबसे प्रशन होते है |

Quote 9 : The one excellent thing that can be learned from a lion is that whatever a man intends doing should be done by him with a whole – hearted and strenuous effort.
In Hindi : एक उत्कृष्ट बात जो शेर से सीखी जा सकती है वो ये है की व्यक्ति जो कुछ भी करना चाहता है , उसे पुरे दिल और जोरदार प्रयास के साथ करे |

Quote 10: A superior man is modest  in his speech , but exceeds in his action.
In Hindi : एक श्रेष्ठ व्यक्ति कथनी में कम , करनी में ज्यादा होता है |

Quote 11: Everything has beauty , but not everyone sees it.
In Hindi : हर एक चीज में खूबसूरती होती है , लेकिन हर कोई उसे देख नहीं पाता |

Quote 12: success depends upon previous preparation , and without such preparation there  is sure to be failure.
In Hindi : सफलता पहले से की गयी तैयारी पर निर्भर है , बिना किसी तैयारी के असफलता निश्चित है |

Quote 13: our greatest glory is not in never falling , but in rising every time we fall.
In Hindi : महानता कभी न गिरने में नहीं है , बल्कि हर बार गिरकर उठ जाने में है |

Quote 14: It does not matter how slowly you go as long as you do not stop.
In Hindi : यह बात मायने नहीं रखती की आप कितना धीमे चल रहे है , जब तक की आप रुके नहीं |

Quote 15: Happiness is not something ready made . it comes from own action.
In Hindi : प्रशन्नता पहले से निर्मित कोई चीज नहीं है .. ये आप के ही कर्मो से आती है |

Quote 16: With realization of one’s own potential and self  confidence in one’s ability one can build a better world.
In Hindi : अपनी क्षमताओ को जान कर और उनमे यकीन करके ही हम एक बेहतर विश्व का नित्मान कर सकते है |

Quote 17: Think Big ,think fast , think ahead .ideas are no one’s monopoly
In Hindi : बड़ा सोचो , जल्दी सोचो , आगे सोचो , विचारो पर किसी का एकाधिकार नहीं है |

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Friday 21 August 2015

जीवन से मत भागो , जिओ उद्देश्य के लिए

Posted by- radiateashok

जीवन से मत भागो , जिओ उद्देश्य के लिए



घटना उन दिनों की है  जब इंग्लेंड मे डॉक्टर एनी बेसेंट  अपने वर्तमान जीवन के
प्रति निराश थी और एक सार्थक जीवन जीने की ललक उनके ह्रदय में तीव्रता से उठी थी | एक दिन अंधेरी रात्रि सभी परिवारजन गहरी नींद में सोये हुए थे | केवल वही जग राही थी और आत्मा की शांति के लिए इतनी बेचैन हो उठी की इस जीवन से भाग जाने का ख्याल मन में लाकर सामने राखी जहर की शीशी लेने के लिए चुपके से उठी , लेकिन तभी किसी दिव्य – शक्ति की आवाज ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया – ‘क्यों , जीवन से डर गईं ? कोण मुझे भागने से रोक रहा है ? उन्होंने उसी समय निश्चय कर लिया – ‘सार्थक जीवन’(Meaningful Life) के लिए मुझे संघर्ष करना ही होगा |
सत्य की खोज के लिए वे अपना परिवार , सुख – सम्पति आदि सब कुछ छोड़कर भारत आ गई | उन्होंने साध्वी जैसा जीवन यहाँ ग्रहण किया और विश्व को भारतीय जीवन – दर्शन के रंग में रंग में रंह देना ही अपना मुख्य उदेश्य बना लिया | उनकी मृत्यु भारत में ही हुई थी |

निष्कर्ष:
अंधकार से प्रकाश की और जाने के लिए भी मनुष्य को संघर्ष करना पड़ता है , जिसके दोरान वह अपनी शुद्ध चेतना से समर्पण – भाव को जाग्रत कर जीवन लक्ष्य की प्राप्ति कर लेता है | ऐसे संघर्षवान व्यक्ति की ईश्वर भी सहायता करता है , बशर्ते वह सच्ची लगन व् उत्साह के साथ सार्थक जीवन के प्रति संकल्पकृत है और उसकी आँखें निर्धारित लक्ष्य पर केन्द्रित है |
याद रखे .......

जीवन सहज नहीं , एक संघर्ष है ,, | 

कठिनाईयां एंव बाधाएं जीवन के अंग है | इनसे भयभीत होकर कर्तव्य – पथ से पलायन कर देने का अर्थ होगा – अपने जीवन मूल्य को नष्ट कर देना | सत्य तो यह है की कठिनाईयों और दुःखो पर विजय प्राप्त करके ही मानव ने इस भोतिक संसार का इतना ऊँचा विकाश किया है | जब कड़वी दवाई के सेवन से रोग का निदान शीघ्र होता है , तब हम अपने जीवन लक्ष्य की सिद्धि में संघर्ष करने से क्यों कतराएँ ?


अत: स्पष्ट है की , यह जीवन – संघर्ष आदिकाल से चला आ रहा है | अत: सुंदर जीवन बनाने के लिए हमे संघर्ष के बिच तो रहना ही होगा , बाधाओं को पार करते हुए आगे बढ़ना होगा और तभी हम अपने जीवन उदेश्य की पूर्ति कर पाएंगे |



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Friday 14 August 2015

Independence Day Essay In Hindi

Posted by- radiateashok
Independence Day Essay In Hindi


भारत एक विशाल देश है | इसमें अनेक धर्मानुयायी , विभिन्न जातियां ,विभिन्न भाषा भाषी लोग रहते है |
वेशभूषा , खान –पान , बोलचाल की द्रष्टि से विभिन्नता लक्षित होती है | किन्तु इस अनेकता के पीछे एकता की भावना निहित रही है | यह यहाँ की सामाजिक संस्कृति की विशेषता रही है |
एकता की इस अनुभूति ने हमें सामाजिक राजनेतिक जीवन के निर्माण में मदद की है | हमारे देश में धर्म एंव मजहब को मानने की पूरी सवतंत्रता है , किन्तु इसका अनुचित लाभ नहीं उठाया जाना चाहिए | धर्म और मजहब तभी तक है जब तक देश सुरक्षित है
Independence Day Essay In Hindi


यदि देश की सवतंत्रता ही खतरे में पड़ जाएगी तो हम और हमारा धर्म कही के भी नहीं रहेंगे | हमे उन बातों को प्रोत्साहित करना है जिनसे एकता की भावना मजबूत होती है | भावनात्मकता एकता की सबसे अधिक आवश्यकता है |



वह ह्रदय नहीं पत्थर है जिसमे स्वदेश का प्यार नहीं

वास्तव में माता और मातृभूमि के मोह से मनुष्य मृत्यु तक मुक्त नहीं होता। इन दोनों के इतने उपकार होते हैं कि मानव उनसे आजीवन उऋण नहीं हो पाता मातृभूमि की मान रक्षा के लिए अपने को बलिदान करने में जो परम आनंद प्राप्त होता है। देशहित के लिए अपना सर्वस्त्र बलिदान करने में जो सुख-शांति मिलती है, उसका मूल्य कोई सच्चा देश भक्त ही जान सकता है।

देश सेवा और परोपकार ही उसका धर्म होता है। देशवासियों के सुख-दुख में ही उसका सुख-दुख निहित होता है। उसकी अंतरात्मा स्वार्थरहित होती है। देश की सर्वांगीण उन्नति के लिए स्वदेश प्रेम परम आवश्यक है। जिस देश के निवासी अपने देश के कल्याण में अपना कल्याण, अपने देश के अभ्युदय में अपना उदय समझना चाहिए।
Independence Day Essay In Hindi

भारत के बढ़ते कदम भारत प्रगति के पथ पर अग्रसर



भारत निरंतर प्रगति के पथ पर विकसित होता चला जा रहा है। आजाद भारत ने अपनी एक लंबी यात्रा पूरी कर ली है। अब उसकी योजनाओं का सुलझना शुरू हो गया है। अपनी उपलब्धियों को हम अक्सर कमतर आंका करते हैं। गर्व की अनूभूति में वह ताकत है जो आम जन में आशाओं और उम्मीदों का नया संचार करके उन्हें सामान्य से असामान्य ऊंचाइयों तक पहुंचा देती है।

गर्व की यह अनुभूति अवसाद और न उम्मीदी के सबसे हताशा भरे दौर में भी एक अरब लोगों के आत्मबल को ऊंचा उठा सकती है। स्वतंत्र भारत की प्रगति पर गर्व करने लायक।

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